

भारत में सामान्य रूप से गिलहरियों की दो जातियाँ पाई जाती हैं। दोनों के ही शरीर का रंग कुछ कालापन लिए हुए भूरा होता है, परंतु एक की पीठ पर तीन और दूसरी की पीठ पर पाँच, अपेक्षाकृत हलके रंग की धारियाँ होती हैं, जो आगे से पीछे की ओर जाती हैं। इनमें से पीठ पर बीचों बीच होने वाली धारी सबसे अधिक लंबी होती है। तीन धारियों वाली गिलहरी को त्रिरेखिनी तथा पाँच धारियोंवाली गिलहरी को पंचरेखिनि कहते हैं।
