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Tuesday 14 February 2012

है नमन उनको की जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं

मेरी यह कविता आप के बलिदान के सामने कुछ भी नहीं ... बस एक प्रणाम भर है मेरी पीढी का और हिंदी कविता का .... आप के चरणों में शत शत नमन .... आप सदा हमारे हीरो रहेंगे ...

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