संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण पूर्वी अटलांटिक महासागर के अक्षांश 25 डिग्री से 45 डिग्री उत्तर तथा देशांतर 55 से 85 डिग्री के बीच फैले 39,00,000 वर्ग किमी0 के बीच फैली जगह, जोकि एक काल्पनिक त्रिकोण जैसी दिखती है, बरमूडा त्रिकोड़ अथवा बरमूडा त्रिभुज के नाम से जानी जाती है। इस त्रिकोण के तीन कोने बरमूडा, मियामी तथा सेन जआनार, पुतौरिका को स्पर्श करते हैं। वर्ष 1854 से इस क्षेत्र में कुछ ऐसी घटनाऍं/दुर्घटनाऍं घटित होती रही हैं कि इसे 'मौत के त्रिकोण' के नाम से जाना जाता है।
बरमूडा त्रिकोण पहली बार विश्व स्तर पर उस समय चर्चा में आया, जब 1964 में आरगोसी नामक पत्रिका में इसपर लेख प्रकाशित हुआ। इस लेख को विसेंट एच गोडिस ने लिखा था। इसके बाद से लगातार सम्पूर्ण विश्व में इसपर इतना कुछ लिखा गया कि 1973 में एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में भी इसे जगह मिल गयी।
बरमूडा त्रिकोण की सबसे विख्यात दुर्घटना 5 सितम्बर 1945 में हुई, जिसमें पॉंच तारपीडो यान नष्ट हो गये थे। उन उड़ानों का नेतृत्व कर रहे चालक ने दुर्घटना होने के पहले अपना संदेशदेते हुए कहा था- 'हम नहीं जानते कि पश्चिम किस दिशा में है। सब कुछ गलत हो गया है। हमें कोई भी दिशा समझ में नहीं आ रही है। हमें अपने अड्डज्ञे से 225 मील उत्तर पूर्व में होना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि ' और उसके बाद आवाज आनी बंद हो गयी। उन यानों का पता लगाने के लिए तुरंत ही मैरिनर फ्लाइंग बोट भेजी गयी थी, जिसमें 13 लाग सवार थे। लेकिन वह बोट भी कहॉं गयी, इसका भी पता नहीं चला।
इस तरह की तमाम घटनाऍं उस क्षेत्र में होने का दावा समय समय पर किया जाता रहा है। लेकिन यह सब किन कारणों से हो रहा है, यह कोई भी बताने में अस्मर्थ रहा है। इस सम्बंध में चार्ल्स बर्लिट्ज ने 1974 में अपनी एक पुस्तक के द्वारा इस रहस्य की पर्तों को खोजने का दावा किया था। उसने अपनी पुस्तक 'दा बरमूडा ट्राइएंगिल मिस्ट्री साल्व्ड' में लिखा था कि यह घटना जैसी बताई जाती है, वैसी है नही। बॉबरों के पायलट अनुभवी नहीं थे। चार्ल्स के अनुसार वे सभी चालक उस क्षेत्र से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे।और सम्भवत: उनके दिशा सूचक यंत्र में खराबी होने के कारण खराब मौसम में एक दूसरे से टकरा कर नष्ट हो गये।
बहरहाल समय-समय पर इस तरह के ताम दावे इस त्रिकोण के रहस्य को सुलझाने के किए जाते रहे हैं। कुछ रसायन शास्त्रियों क मत है कि उस क्षेत्र में 'मीथेन हाइड्रेट' नामक रसायन इन दुर्घटनाओं का कारण है। समुद्र में बनने वाला यह हाइड्राइट जब अचानक ही फटता है, तो अपने आसपास के सभी जहाजों को चपेट में ले सकता है। यदि इसका क्षेत्रफल काफी बड़ा हो, तो यह बड़े से बडे जहाज को डुबो भी सकता है। वैज्ञानिकों का मत है कि हाइड्राइट के विस्फोट के कारण डूबा हुआ जहाज जब समुद्र की अतल गहराई में समा जाता है, तो वहॉं पर बनने वाले हाइड्राइट की तलछट के नीचे दबकर गायब हो जाता है। यही कारण है कि इस तरह से गायब हुए जहाजों का बाद में कोई पता-निशां नहीं मिलता।
इस क्षेत्र में होने वाले वायुयानों की दुर्घटना के सम्बंध में वैज्ञानिकों का मत है कि इसी प्रकार जब मीथेन बड़ी मात्रा में वायुमण्डल में फैलती है, तो उसके क्षेत्र में आने वाले यान का मीथेन की सांद्रता के कारण इंजन में ऑक्सीजन का अभाव हो जाने सेवह बंद हो जाता है। ऐसी दशा में विमान पर चालक का नियंत्रण समाप्त हो जाता है और वह समुद्र के पेट में समा जाता है। अमेरिकी भौगोलिक सवेक्षण के अनुसार बरमूडा की समुद्र तलहटी में मीथेन का अकूत भण्डार भरा हुआ है। यही वजह हैकि वहॉं पर जब-तब इस तरह की दुर्घटनाऍं होतीरहती हैं।
बहरहाल इस तर्क से भी सभी वैज्ञानिक सहमत नहीं है। यही कारण है कि बरमूडा त्रिकोण अभी भी एक अनसुलझा रहस्य ही बना हुआ है। इस रहस्य से कभी पूरी तरह से पर्दा हटेगा, यह कहना मुश्किल है।
The Bermuda Triangle, also known as the Devil's Triangle, is a region in the western part of the North Atlantic Ocean where a number of aircraft and surface vessels are said to have disappeared under mysterious circumstances. Popular culture has attributed these disappearances to the paranormal or activity by extraterrestrial beings. Documented evidence indicates that a significant percentage of the incidents were spurious, inaccurately reported or embellished by later authors.
List of Bermuda Triangle incidents
Aircraft incidents
- 1945: December 5, Flight 19 (five TBF Avengers) lost with 14 airmen, and later the same day PBM Mariner BuNo 59225 lost with 13 airmen while searching for Flight 19.[1]
- 1948: January 30, Avro Tudor G-AHNP Star Tiger lost with six crew and 25 passengers, en route from Santa Maria Airport in the Azores to Kindley Field, Bermuda.[2]
- 1948: December 28, Douglas DC-3 NC16002 lost with three crew and 36 passengers, en route from San Juan, Puerto Rico, to Miami.[3]
- 1949: January 17, Avro Tudor G-AGRE Star Ariel lost with seven crew and 13 passengers, en route from Kindley Field, Bermuda, to Kingston Airport, Jamaica.[4]
[edit]Incidents at sea
- 1918: USS Cyclops, collier, left Barbados on March 4, lost with all 309 crew and passengers en route to Baltimore, Maryland.[5]
- 1921: January 31, Carroll A. Deering, five-masted schooner, Captain W. B. Wormell, found aground and abandoned at Diamond Shoals, near Cape Hatteras, North Carolina.[6]
- 1925: 1 December, SS Cotopaxi, having departed Charleston, South Carolina two days earlier bound for Havana, Cuba, radioed a distress call reporting that the ship was sinking. She was officially listed as overdue on 31 December.[7]
- 1941: USS Proteus (AC-9), lost with all 58 persons on board in heavy seas, having departed St. Thomas in the Virgin Islands with a cargo of bauxite on 23 November. The following month, her sister ship USS Nereus (AC-10) was lost with all 61 persons on board, having also departed St. Thomas with a cargo of bauxite, on 10 December. According to research by Rear Admiral George van Deurs, USN, who was familiar with this type of ship from their service in the USN, the acidic coal cargo would seriously erode the longitudinal support beams, making these aging and poorly-constructed colliers extremely vulnerable to breaking up in heavy seas.[8]
- 1963: SS Marine Sulphur Queen, lost with all 39 crewmen, having departed Beaumont, Texas, on 2 February with a cargo of 15,260 tons of sulphur. She was last heard from on 4 February, when she was in rough, nearly-following seas of 16 feet, with northerly winds of 25-46 knots, and listed as missing two days later. The Coast Guard subsequently determined that the ship was unsafe and not seaworthy, and never should have sailed. The final report suggested four causes of the disaster, all due to poor design and maintenance of the ship.[9]
[edit]Incidents on land
From Wikipedia
This is the famous mystery of the world. No one knows what is really going on back there.
ReplyDeleteअरे किया कॉमेंट करे यार सुलझाओ ऎसे थोड़ी चलेगा
ReplyDeleteIf you need any idea about barmuda traingal then contact me kaushyapn1811@gmail.com
ReplyDeleteooo miss kinjal scientist copy paste krna band kro ye kis site ka hai hmko pta , achha agar aap scientist ho to mujhe sachhi me ek chij padhna aap hindi me post krna plz MCpherson , lake county incident ya phir chin me jo hua plan crash ya ufo crash wo
ReplyDeleteis there any electro megnatic field
ReplyDeleteis there any electro megnatic field
ReplyDeletevery dangerus field vaha jane ki koshish na karna nahi radhe radhe ho jayega
ReplyDeleteits not any thing else...its onlt magnetic Attraction Area where our all things is unable to work..
ReplyDeleteits not any thing else...its onlt magnetic Attraction Area where our all things is unable to work..
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