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Friday 2 March 2012

नोवा विस्फोट



अपने साथी से हाइड्रोजन खींचता हुआ एक सफ़ेद बौना तारा - यही हाइड्रोजन आगे चलकर एक नोवा विस्फोट करेगा (काल्पनिक चित्रण)
सन् २००९ में स्रोतास्विनी तारामंडल में देखा गया ऍरिडानी नोवा
नोवा किसी सफ़ेद बौने तारे की सतह पर हाइड्रोजन एकत्रित होने के बाद उसमें एक भयंकर परमाणु विस्फोट को कहते हैं जिसमें अनियंत्रित रफ़्तार से नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूज़न) होता है।हांलांकि इसका नाम महानोवा से मिलता-जुलता है, इन दोनों में कोई सम्बन्ध नहीं।

प्रक्रिया

अगर किसी सफ़ेद बौने तारे का कोई नज़दीकी साथी तारा हो तो कभी-कभी उस से सफ़ेद बौना हाइड्रोजन और हीलियम खींच कर अपने वायुमंडल में एकत्रित करने लगता है। यह साथी तारा या तो कोईमुख्य अनुक्रम तारा हो सकता है या कोई बूढ़ा होता तारा हो सकता है जो फूलकर लाल दानव तारा बनाने लगा है। जब काफ़ी मात्रा में हाइड्रोजन इकठ्ठी हो जाती है जो धमाकेदार तरीक़े से कुचली जाती है और उसके नाभिकीय संलयन से बहुत प्रकाश और ऊर्जा पैदा होती है। इस से तारे की चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) बढ़ जाती है। यह नोवा विस्फोट कितनी तेज़ी से चल रहा है इसका अनुमान इस बात से लगाया जाता है कि तारे की यह बरही हुई चमक किस गति से कम होती है। इस चमक को खगोलीय मैग्निट्यूड में मापा जाता है, जो एक विपरीत माप है: किसी वस्तु का मैग्निट्यूड जितना कम हो वह वस्तु उतनी ही अधिक रोशन होती है। अगर नोवा धीमी गति से चल रहा है तो उस तारे के मैग्निट्यूड में २ अंकों का अंतर पड़ने में ८० दिन से भी अधिक सकते हैं और अगर तेज़ी से चल रहा है तो २५ दिनों के अन्दर भी ऐसा हो सकता है।

नोवा की श्रेणियाँ

नोवओं को उनकी चमक में बदलाव की गति के अनुसार श्रेणियाँ दी जाती हैं:
  • ऍन॰ए॰ (NA) - तीव्र नोवा; इन नोवाओं में तीव्रता से रोशनी बढ़ती है और फिर ३ मैग्निट्यूडों से १०० दिनों के अन्दर घट जाती है।
  • ऍन॰बी॰ (NB) - धीमे नोवा; इन नोवाओं में रोशनी बढ़ती है और फिर ३ मैग्निट्यूड घटने के लिए १५० से अधिक दिन लेती है।
  • ऍन॰सी॰ (NC) - बहुत धीमे नोवा; इन नोवाओं में रोशनी बढ़ती है और फिर १० साल या उस से भी अधिक उसी स्तर पर टिकी रहती है। संभव है कि ऐसे नोवा अन्य नोवाओं से काफ़ी भिन्न हों, मसलन यह ग्रहीय नीहारिकाओं के सृजन कि वजह से भी हो सकते हैं।
  • ऍन॰आर॰ या आर॰ऍन॰ (NR/RN) - आवर्ती नोवा, जो बार-बार फटते हैं। अक्सर इनके विस्फोटों के बीच में १८ से २० वर्षों का फ़ासला होता है।

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